Friday, August 9, 2019

थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त for tet,ctet 2019

थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त


इन्होंने कुल सीखने के 8 नाम दिए जिनमें मुख्य पांच गौण या सहायक नियम दिए।

मुख्य नियम

1. तत्परता का नियम:

कार्य को करने के लिए व्यक्ति तत्पर रहता है तो आसानी से कर पाएगा या तत्काल कर देगा.
उदाहरण:-
घोड़े को पानी के तालाब तक ले जाए तो जा सकता है लेकिन पानी पीने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता क्योंकि घोड़ा पानी पीने के लिए तत्पर नहीं है.

2. अभ्यास का नियम:-

करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान बार बार किसी भी चीज का अभ्यास करने से उस चीज को सीखने में आसानी हो जाती है. यह मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-

i. उपयोग का नियम:-

कार्य पहले किया हुआ है और जब उसको दोबारा किया जाता है तो वह हमारे मस्तिष्क में पुनः आ जाता है अर्थात स्थाई हो जाता है.

ii. अनुप्रयोग का नियम:-

यदि किसी किए हुए कार्य को पूरा नहीं करते हैं तो हमारा मस्तिष्क उसे भूल जाता है इसे अनुप्रयोग का नियम कहते हैं.

3. प्रभाव/ संतोष/ असंतोष का नियम:-

यदि किसी कार्य को करने पर हमें संतोष प्राप्त होता है तो हम उस कार्य को दोबारा करेंगे और यदि कार्य को करने पर हमें असंतोष होता है तो हम उस कार्य को दोबारा नहीं करेंगे.

गौण या सहायक नियम:-

1. बहु प्रतिक्रिया का नियम:-

कोई नया कार्य करने के लिए कई प्रकार की प्रतिक्रियाओं को अपनाया जाता है तथा उसमें से सही प्रतिक्रिया का पता लगाकर भविष्य में काम लेता है.

2. मनोवृति का नियम:- 

किसी कार्य को जिस मनोवृति से करेंगे वैसे ही सफलता हमें मिलेगी.

3. आंशिक क्रिया का नियम:-

किसी कार्य को छोटे-छोटे भागों में बांटकर किया जाये तो उस कार्य मैं सफलता अधिक मिलती है.

4. आत्मीय करण का नियम:-

कोई नया कार्य करने पर किसी पुराने किए गए कार्य के ज्ञान को ज्ञान में मिला देना ही आत्मीय करण का नियम कहलाता है.

5. संबंधित परिवर्तन का नियम:-

क्रिया का रूप तो वही रखा जाता है लेकिन परिस्थितियों में परिवर्तन कर दिया जाता है उसे संबंधित परिवर्तन का नियम कहते हैं.

थार्नडाइक के सीखने का सिद्धांत:-

Thorndike का जन्म सन 1913 में USA में हुआ था.
इनके द्वारा लिखी गयी बुक का नाम एजुकेशन साइकोलॉजी है.
इनका प्रयोग बिल्ली पर हुआ था.
थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त

थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त


प्रयास एवं त्रुटि का नियम:-

Thorndike ने प्रयास एवं त्रुटि का नियम दिया था प्रयास एवं त्रुटि के नियम में थार्नडाइक ने बताया था कि अगर किसी भी कार्य को करने में हमसे त्रुटि हो जाती है तो हम उस त्रुटि से कुछ न कुछ सीखते हैं और अगर लगातार प्रयास करेंगे तो एक ना एक वक्त ऐसा आएगा जब हम उस कार्य को आसानी से कर पाएंगे या सीख पाएंगे.

प्रयोग:-

थार्नडाइक ने अपने सिद्धांत को सिद्ध करने के लिए एक भूखी बिल्ली का सहारा लिया उन्होंने भूखी बिल्ली को एक पिंजरे में बंद किया और उस पिंजरे में मछली का टुकड़ा रख दिया.
वह मछली का टुकड़ा बिल्ली के पहुंच से दूर था भूखी बिल्ली जब इधर उधर हाथ पाव मरती थी, ताकि उसे वह मांस का टुकड़ा प्राप्त हो जाए। पिंजरे में एक लीवर लगा हुआ था जो कई बार प्रयास करने पर बिल्ली द्वारा दब गया और दबने पर उसे मांस रूपी भोजन प्राप्त हो गया यह प्रक्रिया थार्नडाइक ने बिल्ली से बार-बार करवाई और यह सिद्ध किया कि अगर कोई इंसान किसी कार्य को करने के लिए बार-बार प्रयास करता है तो एक ना एक वक्त ऐसा आता है जब वह उस कार्य को आसानी से कर लेता है.
उद्दीपन के रूप में वह मांस का टुकड़ा था जो उसे बार-बार प्रेरित करता था कि वह उसे प्राप्त करने के लिए प्रयास करें.
थार्नडाइक के इस नियम को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, और यह नाम जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि एग्जाम में कभी कभी अन्य नामों से भी क्वेश्चन पूछ लिए जाते हैं.
थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त for tet,ctet 2019

सिद्धांत के उपनाम:-

1.प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
2.प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत
3.आवृत्ति का सिद्धांत
4.उद्दीपन अनुक्रिया का सिद्धांत
5.एसआर बॉन्ड का सिद्धांत
6.अधिगम का बंध सिद्धांत
थार्नडाइक के सीखने के सिद्धांत का शैक्षिक महत्व
-मन बुद्धि बालकों के लिए उपयोगी
-धैर्य व परिश्रम के गुणों का विकास
-सफलता के प्रति आशा
-शिक्षा के प्रति रुचि
-गणित विज्ञान समाजशास्त्र आदि विषयों के लिए उपयोगी
-अनुभव से लाभ उठाने की क्षमता का विकास।

पुनर्बलन का सिद्धान्त या हल का सिद्धान्त👇
https://tetkitaiyari.blogspot.com/2019/08/blog-post_10.html?m=1


No comments:

Post a Comment