Saturday, August 31, 2019

बालमनोविज्ञान 30 अति महत्वपूर्ण प्रश्न


आज हम टीईटी के प्रथम पेपर के अंतर्गत पूँछे जाने वाले अति महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं| इस पोस्ट में हम आपको बाल विकास और शिक्षा शास्त्र प्रश्नोत्तरी (Child Development And Pedagogy In Hindi CTET, HTET, HP TET, PTET, UP TET, RTET/REET, MP TET, Bihar TET, MAHATET, APTET परीक्षा में आने वाले और परीक्षा में पहले पूछे गए प्रश्न और उनके उत्तर बताने वाले हैं यह प्रश्न उत्तर टीचर टेस्ट के लिए बहुत ही अनिवार्य है तो इन्हें ध्यानपूर्वक याद करें|
बालमनोविज्ञान 30 अति महत्वपूर्ण प्रश्न



प्र 01-उ0प्र0 बेसिक शिक्षा अधिनियम कब बना?
0-1972


प्र02-उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद् का गठन कब हुआ?
उ0-25 जुलाई 1972


प्र03-कितने वर्ष बाद पाठ्यक्रम मे परिवर्तन किया जाता है?
उ0-5 वर्ष बाद।


प्र04-महात्मा गांधी ने बुनियादी तालीम/बेसिक शिक्षा प्रस्ताव कब रखा?
0-1937 मे


प्र05-ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड योजना क्या है?
उ0-प्राथमिक स्तर पर सभी बच्चों की शिक्षा मे एकरूपता हो(राष्ट्रीय शिक्षानीति 1986 के अनुसार) तथा विद्यालयों मे न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने की योजना है।


प्र06-उपरोक्त योजना कब शुरू की गयी थी?
0-1987 मे।


प्र07-पोषाहार वितरण योजना कब शुरू की गयी?
उ0-15 अगस्त 1995 मे


प्र08-जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम(DPEP) कब शुरू किया गया?
0-1993-1994


प्र09-सर्व शिक्षा योजना कब शुरू की गयी?
0-2000-2001


प्र010(अ)-उपरोक्त योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
0-6-14 वर्ष तक के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना।

प्र010(ब)प्राथमिक शिक्षा के संगठनात्मक ढांचा के अंतर्गत कार्यरत संस्थाओ के संक्षिप्त और विस्त्रत नाम यहां प्रस्तुत है।

अ)राष्ट्रीय स्तर पर- 1)NCERT-National council of educational research & training राष्ट्रिय शैक्षिक अनुसन्धान एवम् प्रशिक्षण परिषद्।


2)NUEPA- National University Of Educational Planning &Administration राष्ट्रिय शैक्षिक योजना एवम् प्रशासन विश्वविद्यालय


3)NCTE-National Council For Teacher Education राष्ट्रिय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद्
NCERT के अधीन कार्यरत अन्य संस्थाए-


अ)KVS- Kendriya Vidyalya Sangthan केंद्रीय विद्यालय संगठन


ब)CBSE-Central Board Of Secondary Education केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड


स)NVS-Navodaya Vidyalay Sangthan नवोदय विद्यालय संगठन


डी)CTSA-Central Tibetan Schools Administration केंद्रीय तिब्बतन विद्यालय प्रशाशन
NCERT की अन्य सहयोगी संस्थाए-


अ)NIE-National Institute Of Education राष्ट्रिय शैक्षिक संस्थान


ब) RIE-Regional Institute Of Education क्षेत्रीय शैक्षिक संस्थान


2-राज्य स्तर पर- 1)SCERT-State council of educational research & Training राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवम् प्रशिक्षण परिषद


2)SIEMAT-State Institute Of Educational Management & Training
राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवम् प्रशिक्षण संस्थान


3)जनपद स्तर-अ)DIET-District Institute Of Education &Training
जिला शिक्षा एवम् प्रशिक्षण संसथान


ब)BRC-Block Resource Center
ब्लॉक संसाधन केंद्र


स)NPRC-Nyay Panchayat resource center
न्याय पंचायत संसाधन केंद्र
VEC-Village Education Committee
ग्राम शिक्षा समिति
SMC-School Management Committee
विद्यालय प्रबंधन समिति
MTA-Mother Teacher Association
मातृ शिक्षक संघ
PTA-Parents Teacher Association

प्र011.खेल खेल के लिए है यह कथन किसका है_ वैलेंटाइन


प्र012.बच्चों की पढाई आरम्भ करने की आदर्श आयु क्या होनीचाहिए_ 6वर्ष


प्र013.तीन से पांच वर्ष की आयु के बालकों को किस प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाती है_अनौपचारिक


प्र014.खेल रचनात्मक एवं सृजनात्मक क्रियाओं का योग है किस मनोवैज्ञानिक ने कहा _नन ने


प्र015.किस विधि द्वारा बच्चों को आसानी से समझाकर पढ़ाया जा सकता है _ आगमन विधि


प्र016.विद्यालय मे खेलते हुए बच्चों मे क्या पाया जाता है _ सक्रियता


प्र017.खेलों का सर्बश्रेष्ठ योगदान किस अनुशाशन मे सहयोग देता है _ आत्म अनुशाशन


प्र018.क्रीड़ा संकुल के निर्माण की परिकल्पना कब प्रस्तुत की गयी_नयी शिक्षा नीति 1986 के तहत।


प्र019.शिशु के मस्तिष्क को कोरी स्लेट किसने माना है _ रुसो ने


प्र020.कितने %बच्चे तीव्र बुद्धि बच्चे होते है
 _ 16%


प्र-21 कौनसी अवस्था गोल्डन एज के नाम से जानी जाती है?
उ- किशोरावस्था ।


प्र-22 वैज्ञानिक दृष्टि से बालको की मनोविज्ञान का अध्ययन किस शाखा में किया जाता है?
उ0-बालमनोविज्ञान में ।


प्र023- बाल्यावस्था कब से कब तक होती है?
उ0-6 से 12 वर्ष ।


प्र0 24- बाल केंद्रित शिक्षा का उद्देश्य बालक का कौन सा विकास करना होता है?
उ0-चहुंमुखी ।


प्र0-25 किस अवस्था में बालक अनुकरण द्वारा विशेष रूप से सीखता है?
उ0-शैशवावस्था में ।


प्र0-26 बाल्यावस्था में बच्चों को पढाने की विधि किस पर आधारित होनी चाहिए?
उ0-खेल पर ।


प्र0-27 विकास की दूसरी अवस्था कौन सी है?
उ0-शैशवावस्था ।


प्र0-28-शैशवावस्था को सीखने का आदर्श काल माना जाता है-यह कथन किसका है?
उ0-वैलेंटाइन का ।


प्र029-अनुकरण द्वारा सीखने की प्रवत्ति अधिक किसमे पायी जाती है?
उ0-शिशु में ।


प्र030 -बाल्यावस्था को मिथ्या परिपक्वता का काल किसने बताया?
उ0-रॉस ने कहा

Wednesday, August 28, 2019

बालमनोविज्ञान के 50 महत्वपूर्ण प्रश्न


बालमनोविज्ञान के 50 महत्वपूर्ण प्रश्न:-


प्रश्न1.धर्म और समाज में कैसा सम्बन्ध पाया जाता है?
उत्तर-पूरकत
प्रश्र2.बुद्धि लब्धि के आधार पर 120 से अधिक बुद्धि लब्धि वाले बालक कैसे होते है?
उत्तर-प्रतिभाशाली होते है।
प्रश्न3.बुद्धि लब्धि परीक्षण के आधार पर बालक को कितनी श्रेणी में रखा जाता है?
उत्तर-तीन- 70 से कम जड़ बुद्धि, 90-110 सामान्य बुद्धि, 120 से अधिक प्रतिभाशाली।
प्रश्न -4- साइकोलॉजी शब्द जिन दो शब्दों से मिलकर बना है, वह है-
उत्तर – Psyche + Logos
प्रश्न -5- शिक्षा को सर्वांगीण विकास का साधन माना है-
उत्तर – महात्मा गाँधी ने
प्रश्न -6- मनोविज्ञान को मस्तिष्क का विज्ञान मानने वाले विद्वान कौन थे?
उत्तर – पॉम्पोनॉजी
प्रश्न -7- मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान किसने माना?
उत्तर – वुन्ट, वाइव्स और जेम्स ने
8.मनोविज्ञान के अन्तर्गत किसका अध्ययन किया जाता है?
उत्तर . अभिवृत्तियों, रुचियों और अभिक्षमताओं का
9.मनोविज्ञान को आरम्भ में क्या कहा जाता था?
उत्तर . आत्मा का विज्ञान
10.शिक्षा क्या है?
 उत्तर . जीवनपर्यन्त चलने वाली एक प्रक्रिया
11.गेस्टाल्टवादियों ने अधिगम का कौन-सा सिद्धान्त दिया?
 उत्तर . अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त
12. किण्डरगार्टन शिक्षण पद्धति का विकास किसने किया?
उत्तर . फ्रोबेल ने
13.प्रतिभाशाली बालक की इन्द्रियाँ किस प्रकार की होती है?
उत्तर . तीव्र
14.वर्तमान में मनोविज्ञान को क्या माना जाता है?
उत्तर . व्यवहार का विज्ञान
15.बालकों के प्रयास की इच्छा जीवित रखिए। यह किसका कथन है?
 उत्तर . जेम्स का.
प्रश्‍न 16 – बुद्धि का संज्ञानात्‍मक सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे ने ।
प्रश्‍न 17– बुद्धि का संवेगात्‍मक विकास का सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – गोलमैन ने ।
प्रश्‍न 18– बुद्धि का संरचना सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – आइजेन्‍क ने ।
प्रश्‍न 19 – बुद्धि का पदानुकृत संरचना सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – फिलिप बर्नन ने ।
प्रश्‍न 20 – बुद्धि का एकीकृत संरचना सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – J.P. गिलफोर्ड ने ।
प्रश्‍न 21 – बुद्धि का त्रिक – बिन्‍दु सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – स्‍टर्न वर्ग ने ।
इन्‍होंनं बुद्धि को तीन भागों मे बांटा ।
1. विशलेषणत्‍मक बुद्धि
2. व्‍यवहारिक बुद्धि
3. सृजानात्‍मक बुद्धि
प्रश्‍न 22 – जीनप्‍याजे के अनुसार बुद्धि क्‍या है।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे के अनुसार बुद्धि वातावरण के साथ अनुकूलन करने की प्रक्रिया है।
प्रश्‍न 23– अल्‍फ्रेड बिने के अनुसार बुद्धि के प्रकार बताईये ।
उत्‍तर – अल्‍फ्रेड बिने के अनुसार बुद्धि चार शब्‍दों से मिलकर बनी है।
1. ज्ञान
2. अविष्‍कार
3. निर्देश
4. आलोचना
प्रश्‍न 24 – टर्मन के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।
उत्‍तर – टर्मन के अनुसार –
बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्‍यता है।
प्रश्‍न 25 – बुडवर्थ के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।
उत्‍तर – बुडवर्थ के अनुसार –
बुद्धि कार्य करने की एक विधि है।
प्रश्‍न 26 – स्‍टर्न के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।
उत्‍तर – स्‍टर्न के अनुसार –
बुद्धि एक सामान्‍य योग्‍यता है। जिसके द्वारा व्‍यक्ति नई परिस्थितियों के साथ समायोजन करता है।
प्रश्‍न 27 – बकिन्‍घम के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।
उत्‍तर – बकिन्‍घम के अनुसार –
सीखने की शक्ति ही बुद्धि है।
प्रश्‍न 28 – वैसलर के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।
उत्‍तर – वैसलर के अनुसार –
बुद्धि किसी कार्य को करने की , तार्किक चिन्‍तन करने की , वातावरण के साथ समायोजन करने की सामूहिक योग्‍यता होती है।
प्रश्‍न 29 – स्‍पीयर मैन के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन के अनुसार –
बुद्धि तार्किक चिन्‍तन करने की योग्‍यता है।
प्रश्‍न 30 – सामान्‍यत: बुद्धि कितने प्रकार की है।
उत्‍तर – सामान्‍यत: बु‍द्धि तीन प्रकार की होती है।
1. अमूर्त बुद्धि
2. मूर्त बुद्धि ( यांन्त्रिक बुद्धि )
3. सामाजिक बुद्धि
प्रश्‍न 31– अमूर्त बु‍द्धि सामान्‍यत: किन व्‍यक्तियों में पाई जाती है।
उत्‍तर – अमूर्त बुद्धि सामान्‍यत: -
1. शिक्षक
2. लेखक
3. कलाकार
4. वैज्ञानिक एवं आदि व्‍यक्तियों में ।
प्रश्‍न 32 – यांत्रिक बुद्धि या स्‍थूल बुद्धि किसे कहा जाता है।
उत्‍तर – मूर्त बुद्धि को ।
प्रश्‍न 33 – मूर्त बुद्धि किन व्‍यक्तियों में पाई जाती है।
उत्‍तर – मूर्त बुद्धि निम्‍न व्‍यक्तियों में पाई जाती है –
1. इंजीनियर
2. फॉरमैन
3. कम्‍प्‍यूटर आपरेटर आदि
4. मैकेनिक
5. इलैक्‍ट्रीशियन
प्रश्‍न 35 – सामाजिक बुद्धि किन लोगो में पई जाती है।
उत्‍तर – सामाजिक बुद्धि निम्‍न लोगो मे पाई जाती है। -
1. सामाज सेवक
2. बीमा का ऐजेन्‍ट
3. नेताजी
4. पंडि᷃त जी
प्रश्‍न 36 – एक कारक सिद्धान्‍त को और किस नाम से जाना जाता है।
उत्‍तर – एक कारक सिद्धान्‍त को राज‍कीय सिद्धान्‍त के नाम से जाना जाता है।
प्रश्‍न 37– बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त कौन सा है।
उत्‍तर – बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त एक कारक सिद्धान्‍त है।
प्रश्‍न 38 – बुद्धि का द्विकारक सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन ने दिया।
प्रश्‍न 39 – स्‍पीयर मैन कहॉं के निवासी थे।
उत्‍तर –  फ्रांस के
प्रश्‍न 40 – स्‍पीयर मैन पहले किस विषय के प्रोफेसर थे।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन पहले संख्‍यकी विषय के प्रोफेसर थे बाद में मनोविज्ञान के प्रोफेसर बने।
प्रश्‍न 41 – स्‍पीयर मैन ने बुद्धि का सम्‍बन्‍ध किस से बताया है।
उत्‍तर – चिन्‍तन से
प्रश्‍न 42 – पियाजे के अनुसार निम्‍नलिखित में से कौन सी अवस्‍था है जिसमें बच्‍चा अमूर्त संकल्‍पनाओं के विषय में तार्किक चिंतन करना आरंभ करता है।
उत्‍तर – औपचारिक संक्रियात्‍मक अवस्‍था
प्रश्‍न 43 – बच्‍चों में बौद्धिक विकास की चार विशिष्‍ट अवस्‍थाओं की पहचान की गई।
उत्‍तर – पियाजे द्वारा
प्रश्‍न 44 – ‘’विकास कभी न समाप्‍त होने वाली प्रक्रिया है’’ यह विचार किससे संबंधित है।
उत्‍तर – निरन्‍तरता का सिद्धांत
प्रश्‍न 45– वह अवस्‍था जब बच्‍चा तार्किक रूप से वस्‍तुओं व घटनाओं के विषय में चिंतन प्रारंभ करता है।
उत्‍तर – मूर्त संक्रियात्‍मक अवस्‍था
प्रश्‍न 46 – किस अवस्‍था मे बच्‍चे अपने समवयस्‍क समूह के सक्रिय सदस्‍य हो जाते है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था
प्रश्र47.ब्लूम के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर . तीन
प्रश्न48.मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान मानने वाले कौन थें?
उत्तर . पोम्पोनाजी
प्रश्न49.बुद्धि का द्वि-तत्व सिद्धान्त किसने दिया?
उत्तर . स्पीयरमैन
प्रश्न50.बालकों में किशोरावस्था का आरम्भ किस वर्ष माना जाता है?
 उत्तर . 12 वर्ष की आयु में


बाल मनोविज्ञान के अति महत्वपूर्ण प्रश्न for tet,ctet 2019



     बाल मनोविज्ञान के अति महत्वपूर्ण प्रश्न
बाल मनोविज्ञान के अति महत्वपूर्ण प्रश्न
बाल मनोविज्ञान के अति महत्वपूर्ण प्रश्न


 प्रश्‍न 1– किस अवस्‍था मे बच्‍चे अपने समवयस्‍क समूह के सक्रिय सदस्‍य हो जाते है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 2– बच्‍चे के संज्ञानात्‍मक विकास को सबसे अच्‍छे तरीके से कहॉ परिभाषित किया जा सकता है।
उत्‍तर – विद्यालय एवं कक्षा में

प्रश्‍न 3– पियाजे के अनुसार बौद्धिक विकास का निर्धारक तत्‍व नही है।
उत्‍तर – सामाजिक संचरण

प्रश्‍न 4– बालकों की सोच अमूर्तता की अपेक्षा मूर्त अनुभवों एवं प्रत्‍ययों से होती है। यह अवस्‍था है।
उत्‍तर – 7 से 12 वर्ष तक

प्रश्‍न 5 – संवेदी पेशीय अवस्‍था होती है।
उत्‍तर – 0 - 2 वर्ष तक

प्रश्‍न 6 – एक 13 वर्षीय बालक बात-बात में अपने बड़ों से झगड़ा करने लगता है और हमेशा स्‍वयं को सही साबित करने की कोशिश करता है वह विकास की कौन सी अवस्‍था है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 7 – ‘खिलौनों की आयु कहा जाता है।‘
उत्‍तर – पूर्व बाल्‍यावस्‍था को

प्रश्‍न 8 – उत्‍तर बाल्‍यावस्‍था में बालक भौतिक वस्‍तुओं के किस आवश्‍यक तत्‍व में परिवर्तन समझने लगता है।
उत्‍तर – द्रव्‍यमान,  संख्‍या और क्षेत्र

प्रश्‍न 9 – दूसरे वर्ष के अंत तक शिशु का शब्‍द भंडार हो जाता है।
उत्‍तर – 100 शब्‍द

प्रश्‍न 10 – शर्म तथा गर्व जैसी भावना का विकास किस अवस्‍था में होता है।
उत्‍तर – बाल्‍यावस्‍था

प्रश्‍न 11 – मैक्‍डूगल के अनुसार मूल प्रवृति ‘जिज्ञासा’ का संबंध कौन संवेग से है।
उत्‍तर – आश्चर्य

प्रश्‍न 12 – शैशवावस्‍था की मुख्‍य विशेषता नही है।
उत्‍तर – चिन्‍तन प्रक्रिया

प्रश्‍न 13 – किसी विद्यार्थी कह सबसे महत्‍वपूर्ण विशेषता है।
उत्‍तर – आज्ञाकारिता

प्रश्‍न 14 – मानवीय मूल्‍यों, जो प्रकृति में सार्वत्रिक हैं, के विकास का अर्थ है-
उत्‍तर – अभिव्‍यक्ति

प्रश्‍न 15 – किस स्‍तर के बच्‍चे अपने समकक्षी वर्ग के सक्रिय सदस्‍य बन जाते है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 16– विकास शुरू होता है।
उत्‍तर – प्रसवपूर्ण अवस्‍था से

प्रश्‍न 17 – बहुविध बुद्धि सिद्धांत के अनुसार सभी प्रकार के पशुओं, खनिजों और पेड़-पौधों को पहचाने और वर्गीकृत करने की योग्‍यता .................. कहलाती है।
उत्‍तर – संज्ञानात्‍मक गतिविधि

प्रश्‍न 18–पियाजे के अधिगम के संज्ञानात्‍मक सिद्धांत के अनुसार, वह प्रक्रिया जिसके द्वारा संज्ञानात्‍मक संरचना को संशोधित किया जाता है ................. कहलाती है।
उत्‍तर – समावेशन 

प्रश्‍न 19 – कोहलबर्ग के अनुसार सही और गलत प्रश्‍नों के बारे में निर्णय लेने में शामिल चिंतन प्रक्रिया को कहा जाता है।
उत्‍तर – नैतिक तर्कणा

प्रश्‍न 20– एक व्‍यक्ति अपने समकक्ष व्‍यक्तियों के समूह के प्रति आक्रामक व्‍यवहार करता है और विद्यालय के मानदंडों को नही मानता। इस विद्यार्थी को ..................... में सहायता की आवश्‍यकता है।
उत्‍तर – भावात्‍मक क्षेत्र

प्रश्‍न 21– शिक्षक को यह सलाह दी जाती है कि वे उपने शिक्षार्थियों को सामूहिक गतिविधियों में शामिल करें, क्‍योंकि सीखने को सुगम बनाने के अतिरिक्‍त, ये.................... में भी सहायता करती है।
उत्‍तर – समाजीकरn

प्रश्‍न 22– ब्रूनर किस समप्रदाय के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानवादी

प्रश्‍न 23 – कौन सा सिद्धान्‍त जीव विधि के हर क्ष्‍ोत्र पर बल देता है।
उत्‍तर – क्षेत्रीय सिद्धान्‍त

प्रश्‍न24 – गेस्‍टाल्‍ट का अर्थ क्‍या है।
उत्‍तर – सम्‍पूर्ण या समग्र

प्रश्‍न 25– प्रतिस्‍थापन का सिद्धान्‍त किस वैज्ञानिक ने दिया।
उत्‍तर – गुथरी ने

प्रश्‍न 26 – स्‍वसिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – कार्ल रोजर ने

प्रश्‍न 27–आवश्‍यकता का पद सोपान सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – आब्राहिम मौसले ने

प्रश्‍न 28– अधिगम का अर्थ क्‍या है ।
उत्‍तर – सीखन

प्रश्‍न 29– अधिगम से क्‍या तात्‍पर्य है।
उत्‍तर –मानव व्‍यवहार में होने वाला स्‍थाई परिवर्तन अधिगम कहलाता है।

प्रश्‍न 30 – अधिगम पूर्ण कब होगा।
उत्‍तर – मानव व्‍यवहार में स्‍थाई परिवर्तन हो जाये।

प्रश्‍न 31 – संज्ञान किसे कहते है।
उत्‍तर – किसी ज्ञान को ग्रहण करना ही संज्ञान कहलाता है।

प्रश्‍न32 – व्‍यवहारवादी मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – वाटसन ।

प्रश्‍न 33 – मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – सिंगमड फ्रायड

प्रश्‍न 34– मनोविशलेषणात्‍मक मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – सिंगमड फ्रायड

प्रश्‍न 35 – अंधो की लिपि के जनक कौन है
उत्‍तर – लुई ब्रेल

प्रश्‍न 36 – L . K . G व U . K . G  पद्धति के जनक कौन है।
उत्‍तर – फ्रोबेल

प्रश्‍न 37 – नर्सरी पद्धति के जनक कौन है।
उत्‍तर – मारिया मान्‍टेसरी

प्रश्‍न 38– भूल एवं प्रयत्‍न सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – थॉर्नडाइक ने

प्रश्‍न 39- अनुकूलित अनुक्रिया या क्‍लासिकी अुनबन्‍ध सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – पैवलॉव ने

प्रश्‍न 40 – क्रिया प्रसूत अनुबन्‍ध सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – स्किनर ने

प्रश्‍न 45– जीनप्‍याजे किस विचारधारा के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानात्‍मक

प्रश्‍न 46 – जीनप्‍याजे किस देश के निवासी थे।
उत्‍तर – स्विट्जरलैण्‍ड के

प्रश्‍न 47 – जीनप्‍याजे ने अपने प्रयोग किस-किस पर किये।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे ने अपने प्रयोग अपनी दो पुत्री व एक पुत्र पर किये ।

प्रश्‍न 48 – वह कौन मनोवैज्ञानिक है जो पहले जीवविज्ञान के प्रोफेसर थे बाद मे मनोविज्ञान के प्रोफेसर बने ।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे

प्रश्‍न 49 – स्‍कीमा सिद्धान्‍त के जनक कौन है।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे

प्रश्‍न 50 – कोहलर किस समप्रदाय के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानवादी

प्रश्‍न 51– कोहलबर्ग का विकास सिद्धांत किससे संबंधित है।
उत्‍तर – नैतिक विकास

प्रश्‍न 52 – ................ के अतिरिक्‍त बुद्धि के निम्‍नलिखित पक्षों को स्‍टर्नबर्ग के त्रितंत्र सिद्धांत में संबोधित किया गया है।
उत्‍तर – सामाजिक

प्रश्‍न 53 – थ, फ, च ध्‍वनियॉं है।
उत्‍तर – स्‍वनिम

प्रश्‍न 54 – बालकों की सोच अमूर्तता की अपेक्षा मूर्त अनुभवों एवं प्रत्‍ययों से होती है। यह अवस्‍था है-
उत्‍तर – 7 से 12 वर्ष तक

प्रश्‍न 55– मानव विकास किन दोनों योगदान का परिणाम है।
उत्‍तर – वंशानुक्रम एवं वातावरण का

प्रश्‍न 56 – निम्‍न में से कौन पियाजे के अनुसार बौद्धिक विकास का निर्धारक तत्‍व नही है।
उत्‍तर – सामाजिक संचरण

प्रश्‍न 57 – समस्‍या के अर्थ को जानने की योग्‍यता,वातावरण के दोषों, कमियों एवं रिक्तियों के प्रति सजगता वि‍शेषता है।
उत्‍तर – सृजनशील बालकों की

प्रश्‍न 58– एक क्रिकेट खिलाड़ी अपनी गेंदबाजी के कौशल को विकसित कर लेता है, पर यह उसके बल्‍लेबाली के कौशल को प्रभावित नही करता। इसे कहते है-
उत्‍तर – शून्‍य प्रशिक्षण अंतरण

प्रश्‍न 59 – गिलफोर्ड ने ‘अभिसारी चिंतन’ पद का प्रयोग किसके समान अर्थ में किया जाता है।
उत्‍तर – सृजनात्‍मकता

प्रश्‍न 60 – व्‍यक्ति एवं बुद्धि में वंशानुक्रम की -
उत्‍तर – नाममात्र की भूमिका है।

प्रश्‍न 61 – जिन इच्‍छाओं की पूर्ति नही होती, उनमें से भंडारगृह किसका है।
उत्‍तर – इदम्

प्रश्‍न 62 – बालक के सामाजिक विकास में सबसे महत्‍वपूर्ण कारक कौन सा है।
उत्‍तर – वातावरण

प्रश्‍न 63 – लड़कियों में बाह्य परिवर्तन किस अवस्‍था में होने लगता है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 64 – भाषा विकास के क्रम में अंतिम क्रम है-
उत्‍तर – भाषा विकास की पूर्णावस्‍था

प्रश्‍न 65 – विकासात्‍मक बालमनोविज्ञान का जनक किसे माना गया है।
उत्‍तर – जीन पियाजे को

प्रश्‍न 66 – संवेगात्मक स्थिरता का लक्षण है-
उत्‍तर – समायोजित

प्रश्‍न 67 – संवेग शब्‍द का शाब्दिक अर्थ है-
उत्‍तर – उत्‍तेजना या भावों में उथल पुथल

प्रश्‍न 68– लैमार्क ने अध्‍ययन किया था -
उत्‍तर – वंशानुक्रम का

प्रश्‍न 69 – बालक के सामाजिकरण का प्रथम घटक है।
उत्‍तर – परिवार

प्रश्‍न 70 – प्राकृतिक चयन के सिद्धांत का संबंध है।
उत्‍तर – डार्विन से

प्रश्‍न 71 – अब शिक्षा हो गई है।
उत्‍तर – बाल केन्द्रित 

प्रश्‍न 72 – पैतृक गुणों के हस्‍तांतरण के सिद्धांतों को स्‍पष्‍ट किया था।
उत्‍तर – मैण्‍डल ने

प्रश्‍न 73– ‘बालक की अभिबृद्धि जैवकीय नियमों के अनुसार होती है’ यह कथन है-
उत्‍तर – क्रोगमैन का

प्रश्‍न 74– बालविकास का अर्थ है।
उत्‍तर – बालक का गुणात्‍मक परिमाणात्‍मक परिवर्तन

प्रश्‍न 75– अधिगम का पुनरावृत्ति का सिद्धांत दिया है।
उत्‍तर – पैट्रिक पावलाव ने


Thursday, August 22, 2019

स्किनर का सिद्धांत

स्किनर का सिद्धान्त :-

क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत:-

इस सिद्धांत के प्रतिपादक अमेरिका के बी. एफ. स्किनर ने किया| क्रिया प्रसूत अनुबंधन सिद्धांत का यह नाम इसलिए रखा गया क्योंकि यह कुछ एक क्रियाओं पर आधारित है जो किसी व्यक्ति को करनी होती है।
 इस सिद्धांत में शास्त्रीय अनुबंधन के सभी सिद्धांत पाए जाते हैं। पावलव के शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत में कुत्ते को भली-भांति बांधा गया था और वह सक्रिय नहीं था किंतु इसकी स्किनर करके सीखने पर बल देते है। इस सिद्धांत को क्रिया मुलक अनुबंधन सिद्धांत कहा गया है.

स्किनर का प्रयोग:-

स्किनर का सिद्धान्त

स्किनर का सिद्धान्त


स्किनर शुरू में प्रयोग एक चूहे को लेकर किया। चूहे को स्किनर पेटिका में रखा जाता था और उन्हें भोजन ग्रहण करने हेतु लीवर दबाना पड़ता था।
 इसके बाद में अन्य पशुओं पर प्रयोग किए और शिक्षण यंत्रों को प्रयोग में लिया गया।
 रेखीय अभिक्रमित अनुदेशन पूरी तरह स्किनर के इस अधिगम सिद्धांत पर आधारित है स्किनर ने सर्वप्रथम अपना प्रयोग चूहों पर किया और एक ऐसी पेटिका का निर्माण किया जिसमें एक छड़ और भोजन के लिए एक तश्तरी जुड़ी हुई थी। उसने एक भूखे चूहे को इस पेटिका में रखा। चूहा पेटीका में इधर-उधर घूमता था जैसे ही वह छड़ को दबाता भोजन तश्तरी में आ जाता। जब भोजन में चूहे के इस व्यवहार का पुनर्बलन हुआ तो वह बार-बार छड़ को दबाने का कार्य करने लगा चूहे को छड़ दबाने पर भोजन केवल उसी समय उपलब्ध होता जब साथ में मीठी ध्वनि भी होती धीरे-धीरे चूहे ने समानीकरण कर लिया और वह केवल उसी समय क्षण दबाता जबकि मीठी ध्वनि होती स्किनर ने इसी तरह के प्रयोग कबूतर पर किया। स्किनर चिड़ियों को पुरस्कृत करके उन्हें परिमार्जित एवं परिवर्तित करने में सफल हुए यहां तक की चिड़िया पिंगपोंग खेल भी खेलने लगी। सिद्धांत के अनुसार एस आर सूत्र को आर एस सूत्र में बदल दिया एसआर सूत्र के अनुसार बिना उत्तेजक के क्रिया नहीं हो सकती उन्होंने विरोध किया उनकी मान्यता है कि ज्ञात उत्तेजक के बिना अनुक्रिया घटित हो सकती है उनके अनुसार अनुक्रिया पहले होनी चाहिए और उत्तेजक बाद में दिया जाना चाहिए। परंतु वांछित अनुक्रिया का कृत्रिम उत्तेजक द्वारा पुनर्बलन जरूरी है, अन्यथा अनुप्रिया में हास्य होने लगता है। पुनर्बलन उचित अनुप्रिया के पश्चात ही देना चाहिए पहले नहीं। इन्होंने अनुप्रिया को दो भागों में विभक्त किया है-
1. प्रकाश में आने वाली अनुक्रिया
2. उत्सर्जन प्रतिक्रिया

जो अनुक्रिया ज्ञात प्रकाश में लाई जाती है उसको प्रकाशित अनुक्रिया कहते हैं इसके विपरीत दूसरे प्रकार की अनुप्रिया होती है बंद किसी ज्ञात प्रेरक से नहीं होता इस तरह की उत्सर्जन अनुप्रिया को क्रिया प्रसूत कहते हैं.

स्किनर के सिद्धांत की कमियां:-

1. प्रिया प्रसूति उत्तेजक अथवा उद्दीपन प्रसूति में भ्रम व्याप्त है जिसके कारण क्रिया प्रसूत अनुबंधन और उद्दीपन प्रसूत अनुबंधन में स्पष्ट अंतर करना कठिन होता है.
2. अधिगम एवं क्रियाकलाप में स्पिनर कोई अंतर नहीं समझते जबकि दूसरे मनोवैज्ञानिक का विचार है कि पुनर्बलन करके सीखने की अपेक्षा लक्ष्य की दृष्टि से क्रिया को प्रभावित करता है.
3. क्रिया प्रसूति के सभी प्रयोग नियंत्रित परिस्थितियों में हुए अतः स्थितियों में किए गए प्रयोगों से उपलब्ध नियम किस प्रकार सीखने की प्राकृतिक परिस्थितियों में लागू किए जा सकते हैं.

स्किनर के सिद्धांत का शिक्षा में महत्त्व:-

1. बालक किसी भी विषयवस्तु को आसानी से सिख पता है।
2. बालक के अच्छे कार्य पर तुरंत पुनर्बलन प्रदान करना चाहिए ताकि वो आगे मिलने वाले कार्य को मन लगा के करे।
3. गृहकार्य प्रतिदिन देना चाहिए अन्यथा बालक कार्य को करने में रूचि नही लेगा।

Saturday, August 10, 2019

पुनर्बलन का सिद्धांत या हल का सिद्धांत


पुनर्बलन का सिद्धांत या हल का सिद्धांत

पुनर्बलन का सिद्धांत या हल का सिद्धांत

जब कोई बालक क्रिया करता है तो क्रिया के दौरान उसमें जो अनुक्रिया में वृद्धि होती है, उसे ही पुनर्बलन कहते हैं। पुनर्बलन के द्वारा बालक के कार्य करने की क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। अध्यापक बालक को समय-समय पर पुनर्बलन देता रहता है। पुनर्बलन को अंग्रेजी में Reinforcement कहते हैं.
पुनर्बलन का सिद्धांत C.L. हल ने दिया था.
यह USA के रहने वाले थे.
उन्होंने यह सिद्धांत थार्नडाइक व पावलव पद्धति पर दिया। सन 1915 में अपनी पुस्तक Principals Behaviour मैं यह सिद्धांत दिया।
- यह सिद्धांत आवश्यकता पर बल देता है.
हल के अनुसार सीखना आवश्यकता की पूर्ति की प्रक्रिया के द्वारा होता है हल ने इस सिद्धान्त की व्याख्या करते समय बताया कि प्रत्येक प्राणी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करता है। सीखने का आधार किसी आवश्यकता की पूर्ति की प्रक्रिया में होता है अर्थात कोई भी प्राणी उसी कार्य को सीखता है जिसमें उसकी किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है।
स्किनर ने हल् के इस सिद्धांत को अधिगम का सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत बताया है क्योंकि यह आवश्यकता व प्रेरणा पर बल देता है इसलिए शिक्षार्थी को प्रेरित करके ही सिखाया जाता है.

पुनर्बलन का शैक्षिक महत्व:-

-बालक को प्रेरित किया जाता है।
-यह सिद्धांत पाठ्यक्रम बनाते समय विद्यार्थियों की आवश्यकता पर बल देता है।
-यह सिद्धांत कक्षा में पढ़ाए जाने वाले प्रकरणों के उद्देश्यों को स्पष्ट करने पर बल देता है।
-पुरष्कार की व्यवस्था को समझाता है।
-पुनर्बलन से उद्देश्य व लक्ष्य स्पष्ट होते हैं।

पुनर्बलन सिद्धांत के उपनाम:-

-प्रबलन का सिद्धांत
-अंतरनाद न्यूनता का सिद्धांत
-सबलीकरण का सिद्धांत
-यथार्थ अधिगम का सिद्धांत
-सतत अधिगम का सिद्धांत
-क्रमबद्ध अधिगम का सिद्धांत
-चालक न्यूनता का सिद्धांत।
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Friday, August 9, 2019

थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त for tet,ctet 2019

थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त


इन्होंने कुल सीखने के 8 नाम दिए जिनमें मुख्य पांच गौण या सहायक नियम दिए।

मुख्य नियम

1. तत्परता का नियम:

कार्य को करने के लिए व्यक्ति तत्पर रहता है तो आसानी से कर पाएगा या तत्काल कर देगा.
उदाहरण:-
घोड़े को पानी के तालाब तक ले जाए तो जा सकता है लेकिन पानी पीने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता क्योंकि घोड़ा पानी पीने के लिए तत्पर नहीं है.

2. अभ्यास का नियम:-

करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान बार बार किसी भी चीज का अभ्यास करने से उस चीज को सीखने में आसानी हो जाती है. यह मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-

i. उपयोग का नियम:-

कार्य पहले किया हुआ है और जब उसको दोबारा किया जाता है तो वह हमारे मस्तिष्क में पुनः आ जाता है अर्थात स्थाई हो जाता है.

ii. अनुप्रयोग का नियम:-

यदि किसी किए हुए कार्य को पूरा नहीं करते हैं तो हमारा मस्तिष्क उसे भूल जाता है इसे अनुप्रयोग का नियम कहते हैं.

3. प्रभाव/ संतोष/ असंतोष का नियम:-

यदि किसी कार्य को करने पर हमें संतोष प्राप्त होता है तो हम उस कार्य को दोबारा करेंगे और यदि कार्य को करने पर हमें असंतोष होता है तो हम उस कार्य को दोबारा नहीं करेंगे.

गौण या सहायक नियम:-

1. बहु प्रतिक्रिया का नियम:-

कोई नया कार्य करने के लिए कई प्रकार की प्रतिक्रियाओं को अपनाया जाता है तथा उसमें से सही प्रतिक्रिया का पता लगाकर भविष्य में काम लेता है.

2. मनोवृति का नियम:- 

किसी कार्य को जिस मनोवृति से करेंगे वैसे ही सफलता हमें मिलेगी.

3. आंशिक क्रिया का नियम:-

किसी कार्य को छोटे-छोटे भागों में बांटकर किया जाये तो उस कार्य मैं सफलता अधिक मिलती है.

4. आत्मीय करण का नियम:-

कोई नया कार्य करने पर किसी पुराने किए गए कार्य के ज्ञान को ज्ञान में मिला देना ही आत्मीय करण का नियम कहलाता है.

5. संबंधित परिवर्तन का नियम:-

क्रिया का रूप तो वही रखा जाता है लेकिन परिस्थितियों में परिवर्तन कर दिया जाता है उसे संबंधित परिवर्तन का नियम कहते हैं.

थार्नडाइक के सीखने का सिद्धांत:-

Thorndike का जन्म सन 1913 में USA में हुआ था.
इनके द्वारा लिखी गयी बुक का नाम एजुकेशन साइकोलॉजी है.
इनका प्रयोग बिल्ली पर हुआ था.
थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त

थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त


प्रयास एवं त्रुटि का नियम:-

Thorndike ने प्रयास एवं त्रुटि का नियम दिया था प्रयास एवं त्रुटि के नियम में थार्नडाइक ने बताया था कि अगर किसी भी कार्य को करने में हमसे त्रुटि हो जाती है तो हम उस त्रुटि से कुछ न कुछ सीखते हैं और अगर लगातार प्रयास करेंगे तो एक ना एक वक्त ऐसा आएगा जब हम उस कार्य को आसानी से कर पाएंगे या सीख पाएंगे.

प्रयोग:-

थार्नडाइक ने अपने सिद्धांत को सिद्ध करने के लिए एक भूखी बिल्ली का सहारा लिया उन्होंने भूखी बिल्ली को एक पिंजरे में बंद किया और उस पिंजरे में मछली का टुकड़ा रख दिया.
वह मछली का टुकड़ा बिल्ली के पहुंच से दूर था भूखी बिल्ली जब इधर उधर हाथ पाव मरती थी, ताकि उसे वह मांस का टुकड़ा प्राप्त हो जाए। पिंजरे में एक लीवर लगा हुआ था जो कई बार प्रयास करने पर बिल्ली द्वारा दब गया और दबने पर उसे मांस रूपी भोजन प्राप्त हो गया यह प्रक्रिया थार्नडाइक ने बिल्ली से बार-बार करवाई और यह सिद्ध किया कि अगर कोई इंसान किसी कार्य को करने के लिए बार-बार प्रयास करता है तो एक ना एक वक्त ऐसा आता है जब वह उस कार्य को आसानी से कर लेता है.
उद्दीपन के रूप में वह मांस का टुकड़ा था जो उसे बार-बार प्रेरित करता था कि वह उसे प्राप्त करने के लिए प्रयास करें.
थार्नडाइक के इस नियम को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, और यह नाम जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि एग्जाम में कभी कभी अन्य नामों से भी क्वेश्चन पूछ लिए जाते हैं.
थार्नडाइक के सीखने के नियम एवं सिद्धान्त for tet,ctet 2019

सिद्धांत के उपनाम:-

1.प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
2.प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत
3.आवृत्ति का सिद्धांत
4.उद्दीपन अनुक्रिया का सिद्धांत
5.एसआर बॉन्ड का सिद्धांत
6.अधिगम का बंध सिद्धांत
थार्नडाइक के सीखने के सिद्धांत का शैक्षिक महत्व
-मन बुद्धि बालकों के लिए उपयोगी
-धैर्य व परिश्रम के गुणों का विकास
-सफलता के प्रति आशा
-शिक्षा के प्रति रुचि
-गणित विज्ञान समाजशास्त्र आदि विषयों के लिए उपयोगी
-अनुभव से लाभ उठाने की क्षमता का विकास।

पुनर्बलन का सिद्धान्त या हल का सिद्धान्त👇
https://tetkitaiyari.blogspot.com/2019/08/blog-post_10.html?m=1


Up Lekhpal Bharti Preparation Tips And Best Books 2020 in Hindi

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने लेखपाल (समेकन लेखाकार) के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। कुल 5000 से भी ज्यादा वैकेंसी है। 12 व...